
नेपाल में जारी भारी बारिश ने लोगों की ज़िंदगी को संकट में डाल दिया है। भूस्खलन, आकाशीय बिजली और नदियों में डूबने की घटनाओं ने अब तक 19 लोगों की जान ले ली है, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
इलम में सबसे ज़्यादा तबाही, 14 की मौत भूस्खलन से
नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (NEA) के अनुसार, सबसे बड़ा नुक़सान इलम जिले में हुआ है जहां विभिन्न जगहों पर भूस्खलन की चपेट में आकर 14 लोगों की मौत हो चुकी है।
NEA प्रवक्ता शांति महत के अनुसार, “इलम के अलावा खोतांग और उदयपुर जिलों में दो लोगों की मौत नदियों में डूबने से हुई है।”
बिजली गिरने से 3 की मौत, रौतहट बना हाई रिस्क ज़ोन
रौतहट जिले में बिजली गिरने से तीन लोगों की जान गई है। यह क्षेत्र अब बिजली गिरने की घटनाओं के लिहाज़ से संवेदनशील माना जा रहा है।
लापता और घायल: आँकड़े भी डरा रहे हैं
8 लोग अभी लापता हैं। 11 लोग घायल हैं। सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सरकार ने बताया कि आपदाओं से हुए नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है और प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भेजी जा रही है।
इन प्रदेशों में रेड अलर्ट: मौसम विभाग की चेतावनी
सरकार ने कोशी, मधेश, बागमती, गंडकी और लुम्बिनी प्रांतों में भारी से अति भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। लोगों को निम्नलिखित हिदायतें दी गई हैं:

नदियों के किनारे न जाएं
पहाड़ी इलाकों में सफर से बचें
बिजली चमकने पर घरों में रहें
स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
मानव और प्रशासन – दोनों की परीक्षा का समय
यह प्राकृतिक आपदा नेपाल की आपदा प्रबंधन क्षमता और स्थानीय लोगों की सहनशक्ति दोनों की परीक्षा है। बारिश का मौसम अभी जारी है, और ऐसे में हर दिन सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है।
प्रकृति का प्रकोप और इंसानी ज़िम्मेदारी
नेपाल एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की गिरफ्त में है, और यह वक़्त है सतर्कता और एकजुटता का। राहत कार्य तेज़ हो, प्रशासन सक्रिय रहे और आम जनता सजग – तभी कम किया जा सकता है इस आपदा का असर।